सर्दी मे आने वाली हरी पत्तेदार सब्जियाँ स्वस्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होती हैं। इसमे बात अगर मेथी की हो तो मेथी तो वो सब्जी है जो खाने के स्वाद को और ज्यादा बढ़ा देती है। दवाई के रूप मे मेथी का उपयोग हजारों साल से होता रहा है। कमर दर्द, बदन दर्द, गठिया, प्रसूता के लिए, डाईबीटीज़, आंखो की कमजोरी, शारीरिक दुर्बलता व मूत्र संबंधी विकार मे मेथी अत्यधिक फायदेमंद है।
आज आपको मेथी के लड्डू बनाने की विधि और उसके फायदे के बारे मे बता रहा हूँ। स्त्रियाँ भी इस लड्डू का सेवन करके सदैव स्वस्थ रह सकती हैं। अभी सर्दियाँ शुरू हो चुकी हैं तो इसका प्रयोग निश्चित ही आप सभी के लिए बहुत अच्छा रहेगा।
मेथी दाना 500 ग्राम, सौंठ का पाउडर 250 ग्राम, 500 ग्राम शुद्ध घी, चार लीटर दूध, 1.5 किलोग्राम चीनी, छोटी पिपला मूल, अजवायन, जीरा, कलौंजी, सौंफ, धनिया, कचूर, तेजपात, दालचीनी, जायफल और नागरमोथा सभी प्रति 10 ग्राम की मात्रा मे लें। सभी सामग्री को खूब अच्छे से कूट-पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। अब दूध को कढ़ाई मे डालकर खूब औटाएँ। जब दूध आधा रह जाए तब इसमे मेथी चूर्ण व सौंठ का चूर्ण डालकर इसे हिलाते रहे व इसका मावा बना दें। अब घी डालकर इसकी गुलाबी होने तक इसकी सिकाई करें। अब इसमे बाकी की सभी औषधियाँ मिलकर गाढ़ा होने तक सेंकें। अब इसको नीचे उतारकर इसको बर्फी या 10-10 ग्राम के लड्डू के रूप मे बांध लें।
इस लड्डू को सुबह 20 ग्राम की मात्रा मे दूध के साथ सेवन करने से सभी तरह के वायु विकार समाप्त हो जाते हैं। शरीर हृष्टपुष्ट होता हैं। स्त्रियाँ प्रसव के बाद इसे सेवन करें। इससे शरीर कांतिवान होगा। जिन व्यक्तियों के जोड़ों मे दर्द, घुटनों मे दर्द, थकान सी महसूस होना, पैरों के तलुओं मे पसीना आना, बाएंटे आना व अन्य कोई भी वायु विकार आदि दोष इसके सेवन से समाप्त हो जाते हैं।
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