राइनाइटिस ऍलर्जी का आयुर्वेदिक उपचार
क्या आपकी नाक हमेशा अगर एक बार बहना शुरू हो जाए, तो थमने का नाम नहीं लेती? छींक पर छींक आती रहती हैं? आँखों से आँसू बहने लगते है और गले में खराश पैदा हो जाती है? अगर इन सवालों का जवाब “हाँ” है, तो आप राइनाइटिस ऍलर्जी के शिकार हैं। दुर्भाग्यवश ऍलोपेथी में इसकी रोकथाम के उपाय तो हैं, लेकिन जड़ से सही करने का कोई इलाज नहीं है।
हालाँकि इस व्याधि में आयुर्वेदिक उपचार बहुत कारगर है। आयुर्वेद का प्रयोग कर इस बीमारी से पूरी तरह निजात पा सकते हैं। इसके लिए कुछ ख़ास बातें ध्यान में रखनी होंगी –
1: “अणु तैल” की दो-दो बूंदों से दिन में दो बार नस्य-क्रिया करें।
2: “ब्राह्म रसायन” का सेवन करें।
3: रात को देर तक न जागें और सुबह जल्दी उठें।
क्या आपकी नाक हमेशा अगर एक बार बहना शुरू हो जाए, तो थमने का नाम नहीं लेती? छींक पर छींक आती रहती हैं? आँखों से आँसू बहने लगते है और गले में खराश पैदा हो जाती है? अगर इन सवालों का जवाब “हाँ” है, तो आप राइनाइटिस ऍलर्जी के शिकार हैं। दुर्भाग्यवश ऍलोपेथी में इसकी रोकथाम के उपाय तो हैं, लेकिन जड़ से सही करने का कोई इलाज नहीं है।
हालाँकि इस व्याधि में आयुर्वेदिक उपचार बहुत कारगर है। आयुर्वेद का प्रयोग कर इस बीमारी से पूरी तरह निजात पा सकते हैं। इसके लिए कुछ ख़ास बातें ध्यान में रखनी होंगी –
1: “अणु तैल” की दो-दो बूंदों से दिन में दो बार नस्य-क्रिया करें।
2: “ब्राह्म रसायन” का सेवन करें।
3: रात को देर तक न जागें और सुबह जल्दी उठें।
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