शनिवार, 30 मार्च 2013

डायबिटीज

*ये हैं इशारे जो
बताते हैं आपको
डायबिटीज होने
वाली है* असंयमित खानपान,
मानसिक तनाव,
मोटापा, व्यायाम
की कमी इन
कारणों से आजकल
डायबिटीज रोग हमारे देश में
बड़ी तेजी से बढ़
रहा है।
डायबिटीज
चयापचय से संबंधित
बीमारी है। इसमें कार्बोहाइड्रेट
और ग्लूकोज
का ऑक्सीकरण पूर्ण
रूप से
नहीं हो पाता है।
डायबिटीज शरीर में जब इंसुलिन
हार्मोन
की कमी होती है
या उसके निर्माण
में किसी तरह
की अनियमितता होने पर डायबिटीज
रोग हो जाता है।
डायबिटीज के
लक्षण - वजन में
कमी आना।अधिक
भूख प्यास लगना, थकान बार-बार
संक्रमण
होना या देरी से
घाव भरना। हाथ
पैरो में झुनझुनाहट,
सूनापन या जलन रहना ये
सभी डायबिटीज के
लक्षण है।
डायबिटीज एक
अनुवांशिक
बीमारी तो है ही साथ
ही अनियमित
दिनचर्या व खान-
पान के कारण
भी कई बार यह
रोग हो जाता है। वैसे तो डायबिटीज
के उपचार के लिए
मार्केट में कई
दवाएं उपलब्ध हैं।
लेकिन डायबिटीज
का स्थाई उपचार दवाओं से संभव
नहीं है।
डायबिटीज का ऐसे
करें स्थाई इलाज-
डायबिटीज के
स्थाई उपचार के लिए योग
ही एकमात्र उपाय
है। यदि नियमित
उत्तानपादासन,
पवनमुक्तासन,
त्रिकोणासन, धनुरासन,अर्धमत्स्येन्द्रासन,
मण्डूकासन, पाद-
हस्तासन,
कपालबहति,
अनुलोम-विलोम,
प्रणायाम तथा ध्यान
का अभ्यास
किया जाए
तो तनाव का स्तर
तथा मधुमेह
जैसी बीमारियों पर नियंत्रण
पाया जा सकता है,
लेकिन
इसका अभ्यास
किसी योग टीचर
के देखरेख में ही करना चाहिए।
योग के दौरान यह
भी ध्यान
रखना आवश्यक है
कि सांस का क्रम
क्या है, इसके लिए एक सामान्य
सिध्दांत है कि जब
आसन में सामने
यानी आगे की ओर
झुकते हैं तब सांस
निकालते हैं और जब पीछे की तरफ झुकते
हैं तब सांस लेते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें