मंगलवार, 5 मई 2015

मोटापा दूर करने का अचूक उपाय है सेक्स

मोटापा दूर के लिए लोग क्या-क्या मेहनत मशक्कत नहीं करते हैं। इसके लिए हर मुमकिन जतन करते है। तमाम कसरत करने के अलावा लोग जिम का भी सहारा लेते है। यहां तक की कई तरह की दवाइयां लेकर वे अपने शरीर की चर्बी को घटाने की कोशिश करते रहते हैं। लेकिन सेक्‍स विशेषज्ञों की मानें तो मोटापा घटाने के लिए सहवास यानी सेक्स सबसे उत्‍तम उपाय है।
सेक्स को लेकर तरह-तरह के शोध हुए हैं। इनके निष्कर्ष भी कम रोचक नहीं होते हैं। कई सर्वे में यह कहा गया है कि  आप अपना वजन कम करना चाहते है तो मोटापा इसमें बेहद कारगर होता है। एक शोध के मुताबिक सेक्स करने से वजन कम किया जा सकता है। शरीर की चर्बी घटाकर सुडौल काया पाई जा सकती है।  
यौन क्रिया यानी सेक्स से शरीर की मांसपेशियों के खिंचाव दूर होते है और शरीर लचीला बनाता है। जानकारों के मुताबिक एक बार का हेल्दी सेक्स किसी थका देने वाले कसरत या स्विमिंग के 10-20 चक्करों से भी ज्यादा असरदार होता है। सेक्स विशेषज्ञों के अनुसार मोटापा दूर करने के लिए सेक्स बड़ा सहायक सिद्ध होता है। दरअसल इन सबके पीछे आधार यही है कि सेक्स के दौरान की गतिविधियां फैट बर्न करने में तेजी से सहायक होती है।
विशेषज्ञों की माने तो सेक्स के समय किए गए 1 चुंबन से लगभग 9 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है। एक बार में सेक्स के दौरान 500 से 1000 कैलोरी खर्च होती है जिससे शरीर की अतिरिक्त चर्बी यानी वसा घटाने में मदद मिलती है। सेक्स से एंड्रोफिन हार्मोन की मात्रा बढ़ती है लिहाजा शरीर की त्वचा सुंदर, चिकनी व चमकदार होती है। सेक्स के दौरान हार्टबीट तेज होती है, रक्त संचार बढ़ता है और फैट बर्न (वसा का घटना) होती है। इस बारे में हुए ज्यादातर शोध सेक्स से फैट तेजी से बर्न करने की वकालत करते है।

पौरूष शक्ति के उपाय और नपुसंकता का उपचार

अच्छी सेहत ही समाज में आपको प्रतिष्ठा दिलवाती है। यदि सेहत ठीक है तो आप हर तरह के कार्य को बखूबी निभा सकते हो। हर पुरूष चाहता है कि वह उन बीमारियों से दूर हो जो उसके वैवाहिक जीवन को प्रभावित करती हों। लेकिन दौड़भाग वाली जिंदगी में कुछ न कुछ कमी रही जाती है जिस वजह से शरीर में गुप्त बीमारियां लग ही जाती हैं। आइये जानते हैं किस तरह से पुरूष हमेशा इन बीमारियों से बच सके और स्वस्थ जीवन जी सके। आपको केवल कुछ उपायों को अपनाना है जिनसे आप खुशहाल जीवन जी सकें।
तरीके जो बनाएं आपको स्वस्थ और रोगमुक्त

पौरूष शक्ति को बढ़ाने के लिए (Ayurvedic Male Health Tips in hindi) :
1. हमेंशा सर्दी हो या गर्मी गुड का सेवन अवश्य करें।
2. शरीर हमेंशा बलवान रहेगा यदि आप गरम दूध के साथ शतवारी का चूर्ण मिश्री के साथ लेते हैं।
3. शरीर की थकान और शरीर को उर्जावान बनाने के लिए पांव के तलवों पर पानी की धार 10 मिनट तक डालें। निश्चित ही फायदा होगा।
4. तुलसी के 2 पत्तों को हमेशा खाएं कभी बीमार नहीं पड़ोगे।
5. सुबह और शाम गाय के दूध का सेवन करना चाहिए।
6. पाचन शक्ति के लिए काली मिर्च, सूखा करी पत्ता, लौंग और सोंठ को पीसकर आधा चम्मच दूध के साथ मिलाकर सेवन करें ।
7. ताकत और उर्जा पाने के लिए शिलाजीत को दूध के साथ हमेशा पींये।
8. अश्वगंधा का सेवन दूध के साथ लेने से भी आपकी शक्ति बढ़ती है।
नपुसंकता के लिए उपाय (Impotence treatment Tips in hindi) : 
1. बताशा भी आपकी शरीर की शक्ति को बढ़ाता है। इसलिए बताश्े में आक के तेल की 1 से 2 बूंद डालकर सेवन करें।
2. 2 से 3 ग्राम आक के तेल को तिल के तेल में मिलाकर अपने शरीर और अंगों की मालिश करें।
3. गाजर के 100 ग्राम हलुवे में 1 बूंद आक का दूध मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करें।
4. मूली के बीजों को पीस लें और उसे नित्य दही के साथ चाटने से भी लाभ मिलता है।
5. मर्दाना शक्ति को बढ़ाने के लिए आप सूखा मेवा कम से कम 2 या अधिक माह तक सेवन कर सकते हो।
6. लहसुन की 100 ग्राम मात्रा को घी के साथ भून कर पीस लें और दो चुटकी मठ्ठे या फिर दही के साथ ले।
7. नियमित रूप से छाछ का सेवन करें।
8. मानसिक तनाव को दूर करने के लिए केला अधिक से अधिक खायें। केले में पाये जाने वाले पोटशियम पुरूषों के लिए लाभदायक होता है।
9. अदरक भी आपकी ताकत को बढ़ाता है 1 चम्मच शहद में अदरक का रस डालकर सेवन करना चाहिए।
स्वपनदोष के निवारण के उपाय - स्वप्नदोष का घरेलू उपचार (Nightfall treatment in hindi) :
1. अपने डेली रूटीन में आंवले का मुरब्बे का सेवन करें। आप गाजर के जूस का सेवन भी कर सकते हो।
2. कच्चे लहसुन की 1 से 2 कली को पीसकर निगलने से स्वपनदोष से राहत मिलती है।
3. तुलसी स्वपनदोष की समस्या से निजात दिलती है। यदि आप रोज काली तुलसी के 8 से 10 पत्ते रात को सोने से पहले पानी के साथ लेते हैं तो स्पपनदोष नहीं होगा।
4. जब भी रात को सोएं पहले हाथ और पैरों को जरूर धों लें।
1. अपने खाने में भिंड़ी, टमाटर, पत्तागोभी, चुकंदर, आलू और तरबूजे, बथुआ का सेवन अधिक से अधिक करें ये आपके पौरूष शक्ति को बढ़ाते हैं।
2. मिश्री और अजावाइन को बराबर मात्रा में पीसकर डेली सुबह और शाम दूध के साथ सेवन करें। फायदा होगा।
3. यदि आप शकरगंद को उबालकर या फिर भूनकर खाते हैं तो आपकी मर्दाना शक्ति बढ़ती है।
इन चीजों से परहेज करें
पौरूष शक्ति को बढ़ाने के लिए पुरूषों को अधिक खट्टी चीजों के सेवन से बचना चाहिए साथ ही तेज मिर्च मसाले आदि से भी बचना चाहिए ये सेहत के लिए सबसे खतरनाक होते हैं।

मैडिटेशन कैसे करें


जब कभी मन किसी एक चीज पर नहीं लग पाता तब इंसान बे वजह परेशान हो जाता है। इंसान को समझ नहीं आता कि वो क्या करे।  किसी एक जगह पर मन स्थिर ही नहीं हो पाता है। लेकिन इसके लिए आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। मेंडिटेशन के जरिए आप अपने मन की गती को रोक सकते हो। आज आपको प्राचीन समय में किये जाने वाले मेडिटेशन यानि ध्यान करने का असली तरीका क्या होता है। उसके बारे में जानेगें। ताकि आप बेवजह की परेशानी से मुक्त हो सको साथ ही आपकी सेहत और उम्र दोनों बढ़े।
मेंडिटेशन ध्यान का सही मतलब
 अपने दिल, दिमाग और मन को इधर उधर भटकने से रोकने के लिए किसी एक चीज(object) पर स्थिर करने को ही ध्यान कहा जाता है।
ध्यान करने से गुस्सा, मानसिक तनाव, प्रैशर, टेंशन आदि से आपको कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसलिए ध्यान सबसे बड़ी शक्ति है। प्रतिदिन ध्यान करने से आपका मन तो नियंत्रित होता है साथ ही एकाग्रता और मानसिक दबाव से मुक्ति मिल जाती है। जिस दिन इंसान को ध्यान की सही वजह मालूम पड़ जाती है। तब वह इंसान भीड़ से अलग अपनी पहचान बना लेता है। लेकिन दिक्कत यह है कि किसी को पता ही नहीं होता है ध्यान यानि मेडिटेशन कैसे किया जाता है।
मेडिटेशन से पहले ध्यान रखें ये चीजें
1. शांत, साफ और खुला हवादार जगह पर ही मेडिटेशन करें।
2. ध्यान करने से पहले शरीर बिलकुल सीधा हो और तनाव रहित होना चाहिए।
3. जल्दबाजी में ध्यान न करें।
4. यदि आप पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित हों तो ज्यादा देर तक ध्यान न करें।
5. ध्यान करने के लिए आपका मुख उत्तर या पूर्व की दिशा की तरफ होना चाहिए।
6. अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी एक चीज को ध्यान केंद्रित करने का साधन बनाएं जैसे उगते सूर्य का चित्र अपने मन में बना सकते हैं या अपने गुरू का या चक्रों का।  किसी भी एक चीज को अपने मन में बसा लें और सिर्फ उसी तरफ ध्यान लगाएं।
7. ध्यान आपको हमेशा करना है।
8. भोजन हमेशा आपको साधा खाना चाहिए।
9. ध्यान आपको खाली पेट ही करना चाहिए।

मेडिटेशन करने के वास्तविक टिप्स
मेडिटेशन करने के लिए आप पहले सुखासन में बैठ जाएं यानि पालती मारकर बैठें। रीढ़ की हड्डी, सिर और गर्दन को बिलकुल सीधा रखें। अब आंखों को हल्का बंद करें। ध्यान रखें आंखे ढ़ीली बंद हो। पूरे शरीर को बिलकुल तनाव मुक्त रखें। अब अपनी सांसों पर अपना ध्यान केन्द्रित  करें। जैसे जैसे आपकी सांसे चल रही हैं उन पर ही अपना ध्यान लगाएं। लेकिन इस समय आपके मन में दुनिया के सभी विचार आने लगेगें साथ ही आपका ध्यान भटकेगा। लेकिन आप इन विचारों को आने दें और धीरे-धीरे इन विचारों को मन से हटाते रहें। उनके बारे में ज्यादा सोचे नहीं और सांसों को लंबा और गहरा लेते हुए ध्यान करें।

जब लंबी सांस लें तब ओम् का जप करें और जब सांस छोड़ें तब भी ओम् का जाप करें। थोड़ी देर तक एैसा करने के बाद फिर सासों को सामान्य तरह से लें। जैसे ही लंबी सांसे लें वैसे मन ही मन में ओम् का जाप करें। लेकिन यदि फिर भी मन इधर उधर होने लगे तो फिर से मन को वापस एकाग्र करें। बार-बार करने से आपका मन एकाग्र होने लेगेगा। मन में इधर उधर के विचार आना सामान्य बात है। इन्हें दबाएं नहीं और आप ध्यान अपनी सांसों की तरफ लगाएं। धीरे-धीरे विचार खत्म होगें और आपका मन स्थिर होने लगेगा।

डायबिटीज जैसे जटिल रोग के रोकथाम में कारगर घरेलू उपाय

मधुमेह एक जटिल रोग है। इसे शुगर भी कहा जाता है। इस रोग के बारे में चरक और शुश्रुत ने भी 3 हजार साल पहले अपने ग्रंथों में इसका विवरण किया है। आज भी इस रोग के सफल इलाज के लिए शोध चल रहा है। मधुमेह जानलेवा मीठा जहर है। जो एक बार किसी व्यक्ति को हो जाये तो जिंदगी भर इस रोग को झेलना पड़ता है। आजकल यह रोग वृद्धों के साथ-साथ युवाओं को भी प्रभावित कर रहा है। और यह रोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, सही जानकारी ही इसका कारगर इलाज है।

  डायबिटीज के मुख्य कारण:

1. खान-पान पर ध्यान न देने की वजह से।
2. पाश्चात्य जीवनशैली को अपनाना।
3. यह रोग बैठकर काम करने वाले लोगों को भी हो सकता है।
4. मिठाईयों का अधिक मात्रा में सेवन करना।
5. अधिक मात्रा में नशीले पदार्थों का सेवन करने से।
6. अनुवांशिक प्रभाव से भी यह रोग हो सकता है।
7. चिंता और मानसिक रोग से भी मधुमेह हो सकता है।

डायबिटीज के लक्षण:
 
1. इस रोग में रोगी को भूख-प्यास ज्यादा लगती रहती है।
2. थोड़ीसी मेहनत करने में शरीर का थक जाना।
3. बार-बार मूत्र जाने की शिकायत होना।
4. ब्लडप्रेशर का बढ़ना।
5. शरीर की त्वचा का रूखा होना और फिर खुजलाहट का बढ़ना, स्त्रियों में योनि में खुजलाहट होना और पुरूषों में लिंग में खुजलाहट का होना।
6. आंखों से धुंधला दिखना।
7. इस रोग के रोगी के घाव आसानी से नहीं भरते।
8. शरीर में सूजन आना।

डायबिटीज का वैदिक उपचार:

मधुमेह की बीमारी से बचने का सबसे पहला नियम है उपने खान-पान पर ध्यान देना, घूमना, व्यायाम करना अति जरूरी है।
1. 15 से 20 बेलपत्र चबाने से मधुमेह नियंत्रित होता है।
2. मेथी के दानों को स्टील के बर्तन में भिगोकर रखें और इसका सेवन दिन में 2 से 3 बार करने से शुगर में लाभ मिलता है।
3. प्रतिदिन कम से कम 2 किलोमीटर तक चलें।
4. खाने में जौ और चने का इस्तेमाल अधिक से अधिक करें।
5. करेले का जूस नियमित रूप से लें।
6. 1 चम्मच आंवले के जूस को 1 चम्मच करेले के जूस में मिला लें और दिन में 2 बार इसका सेवन करें एैसा करने से शुगर नियंत्रित रहता है।
7. मीठे फलों जैसे आम, अंगूर और अनानास आदि से दूर रहें ।
8. मीठा, खट्टा, ताजा अनाज, चावल, आलू, तेल और मसालेदार भोजन आदि से बचें।
9. प्याज, लहसुन, कच्चा केला और काले बेर का प्रयोग अधिक से अधिक करें।
10. मेथी, तोरई, लौकी, मूली, टमाटर, गाजर, पुदीना, अदरक आदि का सेवन करना भी मधुमेह में लाभदायक है।
11. जामुन की गुठली को चूसें और हो सके तो चबा भी सकते हो।
12. गाय की घी, हींग, जीरा, धनिया, सोंठ, सेंधा नमक आदि का सेवन करना भी मधुमेह को कम करने में लाभदायक है।
इन वैदिक उपायों को करने से पहले सबसे ज्यादा जरूरी है अपने आप पर नियंत्रण रखना और साथ ही समय-समय पर डाॅक्टर से  चेकअप करवाना।