रविवार, 18 अक्तूबर 2015

‪#‎Premature_Ejaculation‬

शीघ्रपतन के लिए ऐमरजैंसी आयुर्वेदिक उपचार 
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1) Jatifaladi vati 1 ya 2 goli
जातिफलादि वटी दूध से एक या दो गोली ।
2) Viryastamban vati 1 ya 2 goli
वीर्यस्तंभन वटी 1 या दो गोली
3 )Kaminividravan ras 1 ya 2 goli
कामिनीविद्रावण रस 1 या दो गोली 
आयुर्वेद की मशहूर दवा । बलैक में बिकती है ।
4) कामचूड़ामनी रस 
Kaam chudamani ras 
1 या दो गोली
यह आपको आसानी से मिल सकती है लेकिन बाजारू के रिज्लट खास नही अगर किसी वैद्य की बनी मिल जाए तो अच्छा ।
Before sex with hot milk.
सब दवाईया संभोग से दो घंटे पहले दूध से सेवन करें ।
5 ) मदनानंद मोदक लें । 
कुछ कंपनी बनाती है लेकिन कोई खास रिज्लट नही आता ।
सेवनकरता नींद की या बी.पी लो या नशा की शिकायत करता है । इसलिए सावधानी से लें । बार - बार लेने पर नुकसान हो सकता है ।
6 )Musli churan
एक चम्मच दूध से ।
रोज लेने पर कोई हानि नही करता ।
7 )Ashwgandha churan 
यह भी आप रोज ले सकते है । 
कोई हानि नही ।मोटे लोग न लें । मोटापा लाता है । 
जो मोटे हो वह इसका घनसत्व + असली शिलाजीत सत् लें सकते है ।
Anand churan 
आनंद चूर्ण 
यह चूरन कोई कंपनी नही बनाती खुग ही निर्माण करना होता है । किसी वैद्य से तैयार करवा लें । यह वीर्य को बहुत गाड़ा करता है और वीर्य के दोष ठीक करता है ।स्तंभनकारी है ।
Ye sab emergency dwayian h long performence k liye.

फटी एड़ियो का उपचार :-

फटी एड़ियो का उपचार :-
शरीर में उष्णता या खुश्की बढ़ जाने, नंगे पैर चलने फिरने, खून की कमी, तेज ठंड के प्रभाव से तथा धूल मिट्टी से पैर की एड़ियां फट जाती हैं। यदि इनकी देखभाल न की जाए तो ये ज्यादा फट जाती हैं और इनसे खून आने लगता है, ये बहुत दर्द करती हैं। एक कहावत शायद इसलिए प्रसिद्ध है........ जाके पैर न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई। तो जानिए इससे कैसे छुटकारा पाया जाए।
घरेलू इलाज :-
पैरों में जाड़े में बिवाई खूब फटती है, ऐसे समय ये जायफल बड़ा काम आता है, इसे महीन पीसकर बिवाइयों में भर दीजिये। 12-15 दिन में ही पैर भर जायेंगे।
अमचूर का तेल 50 ग्राम, मोम 20 ग्राम, सत्यानाशी के बीजों का पावडर 10 ग्राम और शुद्ध घी 25 ग्राम। सबको मिलाकर एक जान कर लें और
शीशी में भर लें। सोते समय पैरों को धोकर साफ कर लें और पोंछकर यह दवा बिवाई में भर दें और ऊपर से मोजे पहनकर सो जाएं। कुछ दिनों में बिवाई दूर हो जाएगी, तलवों की त्वचा साफ, चिकनी व साफ हो जाएगी।
त्रिफला चूर्ण को खाने के तेल में तलकर मल्हम जैसा गाढ़ा कर लें। इसे सोते समय बिवाइयों में लगाने से थोड़े ही दिनों में बिवाइयां दूर हो जाती हैं।
चावल को पीसकर नारियल में छेद करके भर दें और छेद बन्द करके रख दें। 10-15 दिन में चावल सड़ जाएगा, तब निकालकर चावल को पीसकर बिवाइयों में रोज रात को भर दिया करें। इस प्रयोग से भी बिवाइयां ठीक हो जाती हैं।
गुड़, गुग्गल, राल, सेंधा नमक, शहद, सरसों, मुलहटी व घी सब 10-10 ग्राम लें। घी व शहद को छोड़ सब द्रव्यों को कूटकर महीन चूर्ण कर लें, घी व शहद मिलाकर मल्हम बना लें। इस मल्हम को रोज रात को बिवाइयों पर लगाने से ये कुछ ही दिन में ठीक हो जाती हैं।
रात को सोते समय चित्त लेट जाएं, हाथ की अंगुली लगभग डेढ़ इंच सरसों के तेल में भिगोकर नाभि में लगाकर 2-3 मिनट तक रगड़ते हुए मालिश करें और तेल को सुखा दें। जब तक तेल नाभि में जज्ब न हो जाए, रगड़ते रहें। यह प्रयोग सिर्फ एक सप्ताह करने पर बिवाइयां ठीक हो जाती हैं और एड़ियां साफ, चिकनी व मुलायम हो जाती हैं। एड़ी पर कुछ भी लगाने की जरूरत नहीं। और हाँ इससे आपके होठ भी नरम और चिकने रहेंगे।
गुनगुने पानी मे नमक डालकर पैरों को 10-15 मिनट तक भिगोकर रखें। इसके बाद थोड़ा सा सरसों का तेल पैरों की एड़ियों में लगाने से फटी एड़ियाँ ठीक हो जाती है । यह क्रिया रात को सोने से पहले रोजाना करे । या फिर इसी गर्म पानी से अपनी एड़ियों को धोकर बाजार से खरीदा हुआ शुद्ध देसी मोम और तिल का तेल इन दोनों को मिलाकर एक महलम तैयार करे फिर अपनी फटी एड़ियों अथवा गढ़े वाले स्थान पर इस तैयार मलहम को रात्री को सोने से पहले लगाये और लगाने के बाद एक सूती कपडा बांधकर आराम से सो जाये ऐसा करने से तीन दिन में ही आपको अपनी फटी में काफी आराम दिखाई देगा ।