बुधवार, 6 मई 2015

एंटीपायरेटिक दवाओं का बेहतरीन विकल्प आयुर्वेद में उपलब्ध है।

एंटीपायरेटिक दवाओं का बेहतरीन विकल्प आयुर्वेद में उपलब्ध है।

बस, ज्वर की पहचान होना यानि आयुर्वेदिक निदान होना आये
🌕वातिक ज्वर में:
महाज्वरांकुश रस125मिलीग्राम
श्रृंग भस्म 250मिलीग्राम
गोदंती भस्म500 मिलीग्राम
↔↔↔↔↔↔↔↔
इन सबकी एक मात्रा दिन में तीन बार शहद से देना बेहतरीन प्रभाव दर्शाता है।
ठीक इसी प्रकार

🌕पैत्तिकज्वर में:
गोदंती भस्म500 मिलीग्राम
प्रवाल पिष्टी 250 मिलीग्राम
सूतशेखर रस150 मिलीग्राम
↔↔↔↔↔↔↔↔
इन सभी एक मात्रा दिन में तीन बार शहद से देना उत्तम लाभकारी प्रभाव दर्शाता है।

🌕कफज ज्वर में:
त्रिभुवनकीर्ति125 मिलीग्राम
गोदंती250 मिलीग्राम
नारदीय लक्ष्मी विलास रस 125 मिलीग्राम
↔↔↔↔↔↔↔
इन सबकी एक मात्रा दिन में तीन बार शहद से देना काफी प्रभावी है।

 🌕सान्निपातिक ज्वर में
वृहत कस्तूरीभैरवरस60 मिलीग्राम
सर्व ज्वरहर लौह 250 मिलीग्राम
गोदंती भस्म500मिलग्राम
↔↔↔↔↔↔↔↔
इन सबकी एक मात्रा दिन में तीन बार शहद से रोगी को देना लाभकारी है।
इसी प्रकार
🌕विषम ज्वर में
विषमज्वरान्तक लौह 250 मिलीग्राम
गोदंती भस्म150 मिलीग्राम
स्वर्णसूतशेखररस60 मिलीग्राम
↔↔↔↔↔↔↔↔
यह भी एक मात्रा दिन में तेन बार शहद से रोगी को दें निश्चित लाभ मिलेगा।
इसी प्रकार🍀चरक् संहिता चिकित्सा स्थान में वर्णित 🍀🌿🍂🍃🍂🌾🌾🌾किराततिक्तादिक्वाथ 30 मिली सुबह शाम खाली पेट देना रोगी में चमत्कारिक प्रभाव दर्शाता है।
और मित्रों धातुगत ज्वर या जीर्ण ज्वर में

स्वर्णबसंतमालती रस 60 मिलीग्राम
गोदंती भस्म 50 मिलीग्राम
महालक्ष्मीविलास रस 60 मिलीग्राम
↔↔↔↔↔↔↔↔
इस योग की भी एक मात्रा दिन में तीन बार शहद से रोगी को दें और लाभ देखें।