दद्रु दावानल
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जिंक आँक्साइड
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जात्यादितैल
स्थानिक लेप
रसमाणिक्य। 125mg
गंधक रसायन250mg
त्रिफलाचूर्ण 1gm
शुक्ति भष्म। 250mg
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1×2
स्थानिक अलाबू चिकित्सा आवश्यक ।
यदि दद्रु कुष्ट/फंगल डिसीज में शरीर से ढकी जगहो पर है तो वस्त्र को गर्म पनी मे धो कर धूप मे पुरा दिन सुखने दे ,उल्टे करके पुनः सुखावे । सम्भव हो तो गर्म प्रेस करावे । फंगस कपडो से भी निकालना आवश्यक है । वरना रोग की पुनरावृत्ति होगी।