शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2015

डेंगू

डेंगू
डेंगू की सारी रामायण

छोटी छोटी युक्ति डेंगू से मुक्ति

पानी ठहरेगा जहां डेंगू पनपेगा वहां

एडिड मछर से फैलता है डेंगू

😀खुद डॉक्टर ना बने😀

सारे घर को चेक करें, टायर ,ट्यूब, प्लास्टिक के डब्बे ,कूलर, फ्रिज का वेस्ट पानी ,
अगर पानी हो तो सरसों का तेल, केरोसिन ,पेट्रोल ,डीजल डालें।

डेंगू तीन प्रकार का होता है।
1. क्लासिकल
2.हैमरेजिक
3.शोंक सिंड्रोम

क्लासिकल साधारण डेंगू है जो की कुछ समय बाद खुद ठीक हो जाता है। अधिकतर मरीज इसी डेंगू से पिड़ित हैं।

डेंगू के असली लक्षण

1तेज बुखार आना
2.सर भारी या सिर् में दर्द
3.उल्टी की शिक़ायत या जी मिचलाना।
4.सारे शरीर में दर्द।
5. 3 से 4 दिन बाद भी बुखार का उतरना चढना।

रोग के ज्यादा बढ़ने पर:-
1.मसूड़ो से खून आना। नाक कान मुँह से भी खून आ सकता है।
2.शरीर पर लाल रंग के चकते उभरना।।
तुरंत हस्पताल में जाऐं ।

डेंगू की अफवाएं 

आपको जानकर आशचर्य होगा की डेंगू कोई गम्भीर बीमारी नहीं है।
समय पर सचेत ना होने पर ,खुद डॉक्टर बनने पर,गलत दवाई लेने पर,ज्यादा घबराने पर,खाना पीना छोड़ देने पर और समय पर दवाई ना लेने पर ही यह रोग गंभीर हो जाता है।

😀प्लटलेट का राज😀
क्या हैं प्लेटलेट

हमारे शरीर में 15000 से 450000 प्लेटलेट्स होंने चाहियें ।

नोटः मौसमी बुखार में भी हमारे प्लेटलेट्स कम हो सकतें हैं इसलिए हर बुखार को डेंगू ना मानें।
दूसरी बात 40000 तक प्लेटलेट्स रह जाएं तो भी ना घबराएं । 25000 प्लेटलेट वाले मरीज ने भी इलाज मिलने के बाद 3 से 4 दिन में ही रिकोवर कर लिया।

प्लेटलेट घटते कैसे हैं।

1.किसी भी प्रकार का तरल ना लेने पर।

2.सामान्य बुखार में दी जाने वाली दवाएं जैसे की एंटी बायोटिक लेने पर।एंटी बायोटिक हमारे शरीर के प्लेटलेट्स पर असर डालती हैं।

3.मानसिक रूप से कमजोर होने पर। घबरा जाने पर । आप अपने दिमाग पर जोर देंगे हौसला छोड़ देंगे तो प्लेटलेटस घटने लगेंगे।

😀😀प्लेटलेट्स बढेंगें कैसे ।

1.ज्यादा से ज्यादा तरल पीने पर चाहे वो RO पानी ही क्यों न हो।

2.हर 1 या 2 घण्टे में बार बार पीने को दें।

3.अगर उल्टी आए तो ग्लूकोस चढ़वा सकते हैं ।

4.हौसला बनाये रखे इससे भी प्लेटलेट्स बढ़ने में मदद मिलेगी।
मरीज जल्दी रिकवर करेगा।

5.पीने में सिर्फ RO का या गरम करके ठंडा किया हुआ पानी दें।
नारियल पानी, अनार जूस ,मिक्स जूस, फ्रूटी, दूध , बकरी का उत्तम है।

6.घरेलू उपचार में गिलोय और पपीते के पत्तों को पीस कर रस पिला सकते हैं।गेहूं के हरे पोधे का रस भी उत्तम है।

7.बुखार आने पर सिर्फ पारासिटामोल की टेबलेट ही लें। एस्प्रिन ,ब्रुफिन् हरगिज न लें।
आजकल मार्किट में प्लेटलेट्स बढ़ाने की गोली भी आइ हुई है। आप वो भी ले सकतें हैं।

रोचक तथ्य: 

1.डेंगू का बुखार लगभग 2 से 10 दिन तक ही रहता है। हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक शमता इसे हमारे शरीर के हिसाब से काबू कर लेती है।

2.अफवाओं से बचे व् समय पर इलाज लें।

3.कई हस्पतालों में आपके प्लेट्लेट्स को कम करके दिखाया जाता है। 60000 को 40000 दिखाकर आपको एडमिट कर लेते हैं।ऐसी कई शिकायतें मिलीं हैं।
सिविल हॉस्पिटस्ल में अब डेंगू का टेस्ट उपलब्ध है।

डेंगू के टेस्ट:👉

कार्ड द्वारा डेंगू का टेस्ट किया जाता है। जिसकी किमत् लगभग 800 रूपये होती है।

प्लेटलेट्स का टेस्ट डेंगू का टेस्ट नहीं होता।

आयुर्वेदिक उपचार:-

१. पपीता पत्र स्वरस १० मिली
गिलोय स्वरस १० मिली
नीमपत्र स्वरस २० ग्राम पत्तों से जितना निकले उतना
काली मिर्च ५ दाने पीसकर
सबको मिलाकर सुबह खाली पेट पिऐं. सात दिन तक प्रयोग करें. प्लेटलेट बढती है.

२. त्रिभुवनकीर्ति रस २५० मिग्रा
विषमज्वरांतक लौह २५० मिग्रा
गोदन्ती भस्म ५०० मिग्रा
गिलोय सत्व ५०० मिग्रा
संशमनी वटी २५० मिग्रा
सबको पीसकर ऐसी एक मात्रा आवश्यकतानुसार दिन में दो- तीन बार वासा स्वरस से.
अन्य परिस्थितिजन्य उपाय भी करें.

कोई भी चिकित्सा वैद्यकीय सलाह के बिना न करें. रोगी की स्थिति के अनुसार चिकित्सा में परिवर्तन हो सकता है. डेंगू घातक रोग है तत्काल आवश्यक चिकित्सा करें. स्वयं अपने डॉक्टर बनने का प्रयास न करें.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें